Last modified on 20 अक्टूबर 2017, at 15:08

तो मैं लिखूँ कविता / ज़िन्दगी को मैंने थामा बहुत / पद्मजा शर्मा

उसकी रोटी का थोड़ा सहारा हो जाए
खुशहाल सर्वहारा हो जाए
नदी के साथ जैसे किनारा हो जाए
तो मैं लिखूँ कविता

मेरा भारत हमारा हो जाए
समृद्ध, सब जग से न्यारा हो जाए
हम सबका प्यारा दुलारा हो जाए
तो मैं लिखूँ कविता

सत्ता जनता के लिए
और जनता में भाईचारा हो जाए
मनुष्य के दुखों का निस्तारा हो जाए
जीवन में अभय का इशारा हो जाए
तो मैं लिखूँ कविता