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देते सूर्य-सोम-मण्डल को / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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(राग मालकोश-ताल त्रिताल)
देते सूर्य-सोम-मण्डलको, अग्रिदेवको उज्ज्वल भास।
अष्ट-कमलदलपर वे नित्य स्थित हैं नारायण श्रीवास॥
जिनके रोम-रोममें अगणित हैं ब्रह्मात्तण्ड नित्य अव्यक्त।
जो हैं कोटि-कोटि ब्रह्मात्तण्डोंके अनन्त रूपोंमें व्यक्त॥
लीलामय वे लीला-कारण धरे विचित्र विविध बहु रूप।
दर्शन हैं दे रहे चतुर्भुज विष्णु वही सब भाँति अनूप॥