नईं पीना मेरे यार सिगरेट नईं पीना / कांतिमोहन 'सोज़'
नईं पीना मेरे यार सिगरेट नईं पीना ।
ज़िद न करीं मेरे यार सिगरेट नईं पीना ।।
नीची कर ले अपनी मूँछ
वरना कट जाएगी पूँछ
खा ले भुट्टा फ़ेंक दे छूँछ
बहस न कर बेकार सिगरेट नईं पीना ।।
शावा सिगरेट नईं पीना
नईं पीना जी नईं पीना ।।
और बुरा चोरी से पीना
सर्दी में भी आए पसीना
शाल भी तेरा है पश्मीना
हो न जाय बेकार सिगरेट नईं पीना ।।
शावा सिगरेट नईं पीना
नईं पीना जी नईं पीना ।।
बस में मना रेलों में मना है
मेलों में ठेलों में मना है
दुनिया के खेलों में मना है
किसी की हो सरकार सिगरेट नईं पीना ।।
शावा सिगरेट नईं पीना
नईं पीना जी नईं पीना ।।
सिगरेट पीकर रोग लगाओ
सुन्दर मुखड़ा जग से छुपाओ
झगड़ा करके जेल में जाओ
पुलिस खड़ी तैयार सिगरेट नईं पीना ।।
शावा सिगरेट नईं पीना
नईं पीना जी नईं पीना ।।
क्यूँ ये झंझट जी को लगाएँ
खुद डूबें औरों को डुबाएँ
अस्पताल की भीड़ बढाएँ
तंगी रहे तलवार सिगरेट नईं पीना ।।
शावा सिगरेट नईं पीना
नईं पीना जी नईं पीना ।।
बीड़ी-सिगरेट नईं पीना
ज़हर तमाकू नईं पीना
किसी भी सूरत नईं पीना
नईं पीना तो नईं पीना
साफ़ करो इंकार सिगरेट नईं पीना ।।
अब कैसी तकरार सिगरेट नईं पीना ।।
हम सब हैं तैयार सिगरेट नईं पीना ।।