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नाटक:एक / शरद कोकास

पिता हुए नाराज़
भाई ने दी धमकी
माँ ने बन्द कर दी बातचीत
उसने नाटक नहीं छोड़ा

घर में आए लोग
पिता ने पहना नया कुर्ता
माँ ने सजाई बैठक
भाई लेकर आया मिठाई

वह आई साड़ी पहनकर
चाय की ट्रे में लिए आस

सभी ने बाँधे तारीफों के पुल
अभिनय प्रतिभा का किया गुणगान

चले गए लोग
वह हुई नाराज
उसने दी धमकी
बन्द कर दी बातचीत

घरवालों ने नाटक नहीं छोड़ा।

-1993