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निवेश / शरद कोकास
Kavita Kosh से
झूठ का सहारा लेकर
उन्होंने प्रचारित किया
कि दुनिया पाप में आकंठ डूब चुकी है
जो पहले से डरा हुआ था
उसे डराया
कि अब उसका कोई तारनहार नहीं है
उन्होंने कहा मनुष्य दुखी है
इसलिए कि वह धर्म से कट गया है
इस तरह उन्होंने सिद्ध की
धर्म की महत्ता
भय का चाबुक लिया
मनुष्यों को हाँका
आलीशान सभागृह में क़ैद कर दिया
फिर उन्होंने प्रवचन प्रायोजित किया
उनका आग्रह था
कि वे मनुष्य की नस्ल को
नष्ट होने से बचाना चाहते हैं
आस्था के बाज़ार में
उनका यह नया निवेश था।
-1997