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नेकी का कुछ काम करें / मृदुला झा

जग में ऊँचा नाम करें।

शाम ढले घर आना है
नाम नहीं बदनाम करें।

तन्हा जीना मुश्किल हैए
खुद को मेरे नाम करें

ख़ुशियों को अपना कर हीए
ग़म का काम तमाम करें।

आहत कोई हो जाये
हम क्यों ऐसा काम करें।

अपनों को तड़पाना क्याए
घर में क्यों कोहराम करें।