भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मृदुला झा
Kavita Kosh से
मृदुला झा
© कॉपीराइट: मृदुला झा। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग मृदुला झा की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
जन्म | 05 दिसम्बर 1946 |
---|---|
निधन | 09 अगस्त 2020 |
जन्म स्थान | वनद्वार, बेगूसराय, बिहार |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
मृदुला झा / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- है बड़ा दिलकश नजारा फाग का / मृदुला झा
- दोस्ती अपनी कभी टूटे नहीं / मृदुला झा
- कब से पुकारती है तुमको तुम्हारी दुनिया / मृदुला झा
- क्या गजब रंग है आत्मविश्वास का / मृदुला झा
- छुम छननन छन गाये पयलिया / मृदुला झा
- दूर सबसे जा रहा वह आजकल / मृदुला झा
- देश को हिसाब चाहिए / मृदुला झा
- क्यों धरा है आज प्यासी इस तरह / मृदुला झा
- इस बेहिसी के दौर में बस प्यार की तलाश है / मृदुला झा
- जीवन के अनजाने पथ पर चलना तुम स्वीकार करो / मृदुला झा
- लड़ना भिड़ना है बेकार / मृदुला झा
- दिन बीते बेगारी में / मृदुला झा
- कभी मत छेड़ वो बातें वो मंजर याद आता है / मृदुला झा
- मन का दर्पण दरक गया / मृदुला झा
- फूल ही फूल नहीं जीवन में काँटे भी स्वीकार करें / मृदुला झा
- हुस्ने बहारा आकर मिल / मृदुला झा
- उमड़ घुमड़ घन गरजे बदरा / मृदुला झा
- नेकी का कुछ काम करें / मृदुला झा
- दिन महीने साल उनको याद ही करते रहे / मृदुला झा
- मीत मन से मन मिला तू और स्वर से स्वर मिला / मृदुला झा
- करूँ आज कैसे विदाई तुम्हारी / मृदुला झा
- कितना निर्मल है मन उसका / मृदुला झा
- रफ़्ता रफ़्ता ज़िन्दगी कटती गई / मृदुला झा
- आज गाने को जी चाहता है / मृदुला झा
- पूनम की चाँदनी में बगिया नहा रही है / मृदुला झा
- जब मैं नहीं रहूँगी इस अंजुमन में तेरे / मृदुला झा
- आदमी ख़ुद को ही झुठलाता रहा / मृदुला झा
- जीवन में श्रम करना है / मृदुला झा
- जान पर है आ बनी कुछ बात बढ़नी चाहिए / मृदुला झा
- पल भर भी गर जी लें साथ / मृदुला झा
- ताज के बचाव का सवाल है / मृदुला झा
- जिये हम बहुत चाहतों के लिए / मृदुला झा
- बेघरों को घर दिलाना चाहते हैं / मृदुला झा
- आ गया मौसम सुहाना फाग का / मृदुला झा
- कुछ दण्ड मिला है न क्षमा दान मिला है / मृदुला झा
- ये दिलकश नज़ारा तुम्हारे लिए है / मृदुला झा
- ज़िन्दगी से किस कदर डरने लगा है आदमी / मृदुला झा
- प्यार के अनुबंध को तुमने भुला दिया / मृदुला झा
- अशेष कीर्ति कामना विशिष्ट व्यंजना लिए / मृदुला झा
- जिन्दा होने भर का केवल सबको भरम दिया / मृदुला झा
- जिन्दगी दो चार दिन / मृदुला झा
- खुद पर थोड़ा रहम करो / मृदुला झा
- आज आया चाँद घर पे चाँदनी के आंगने / मृदुला झा
- हादसों का शहर है सम्भल जाइए / मृदुला झा
- रस्सियाँ सब खुल गई हैं अब सितम के तार की / मृदुला झा
- झिलमिल साँझ सकारे देखो / मृदुला झा
- याद अब बीते दिनों की क्या करें / मृदुला झा
- खिली जब से देखो कली फाग की है / मृदुला झा
- काम अपनों का सदा करता रहा / मृदुला झा
- ईमान बिक गया है नीयत बदल गई है / मृदुला झा
- रब ने ये दर्द दिया मुझको / मृदुला झा
- मंजिल पर आकर लौट गए / मृदुला झा
- जब जी उदास होता है / मृदुला झा
- हम सफर कबूल है मुझे / मृदुला झा
- मदिरा मदिर पिए जाते हो / मृदुला झा
- हर किसी के पास जाऊँ दिल नहीं करता / मृदुला झा
- इतना क्यों शर्माएँ हम / मृदुला झा
- सरे आम महफिल में आना तुम्हारा / मृदुला झा
- झुरमुटों से झाँकता है चाँद अब / मृदुला झा
- भले खत्म हो जाये ये ज़िन्दगानी / मृदुला झा
- सुख की होती है परिभाषा अलग अलग / मृदुला झा
- दर्द जग ने प्राण में जो भर दिया / मृदुला झा
- ज़िन्दगी से बेखबर है आदमी / मृदुला झा
- कि जिनके लिए हम जिए जा रहे हैं / मृदुला झा
- घूँट आँसू के सदा पीता रहा / मृदुला झा
- यूँ न बेदर्द बनकर रहा कीजिए / मृदुला झा
- ज़िन्दगी ने खुद सँवारा है मुझे / मृदुला झा
- सच की राहें चलना हरदम / मृदुला झा
- हो गया है दिल दिवाना अब / मृदुला झा
- वक्त़ पर जब सवाल होता है / मृदुला झा
- प्रेम नकली प्यार नकली / मृदुला झा
- आओ मिल कर बात करें हम / मृदुला झा
- मुफ़लिसी में दिन बिताते हैं यहाँ / मृदुला झा
- भड़कना हर बात पर अच्छा नहीं / मृदुला झा
- बड़ी अनजान है लड़की / मृदुला झा
- किस कदर मजबूर हम तुम / मृदुला झा
- बागों में कोयलिया कूके जीवन महक उठा / मृदुला झा
- बारहा जुल्मो.सितम सहता रहा / मृदुला झा
- खिल गया मन का कमल जब चाँद का आँगन मिला / मृदुला झा
- दुख भरे नयनों से बहते नीर हैं / मृदुला झा
- समय का इशारा भी देखा है तुमने / मृदुला झा
- दिल की बात जुबां तक लाओ तो फिर कोई बात बने / मृदुला झा
- उसका पावन मन देखा है / मृदुला झा