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ये दिलकश नज़ारा तुम्हारे लिए है / मृदुला झा
Kavita Kosh से
कि जश्ने बहारा तुम्हारे लिए है।
खुली आज बागों की किस्मत तो देखो,
शरारा-शरारा तुम्हारे लिए है।
किसे हम कहें दूर जाकर न आना,
मिलन ये दुबारा तुम्हारे लिए है।
कहा था कभी तुमने शायद के मुझ से,
खुशी का पिटारा तुम्हारे लिए है।
दिलों की बुझी प्यास सदियों की देखो,
चमन प्यारा-प्यारा तुम्हारे लिए है।