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आज गाने को जी चाहता है / मृदुला झा

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गुनगुनाने को जी चाहता है।

तुम मनाना मुझे आज फिर से,
रूठ जाने को जी चाहता है।

भर नज़र तुमको देखा नहीं था,
पास आने को जी चाहता है।

बेवफ़ा है वो लेकिन उसी से,
दिल लगाने को जी चाहता है।

अब्र का इक नजारा ही काफी
माँ नहाने को जी चाहता है।