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आओ मिल कर बात करें हम / मृदुला झा

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दिन को यूँ मत रात करें हम।

मीठी वाणी बोलें सबसे,
क्यों कोई आघात करें हम।

भूल के पिछले अवसादों को,
खुशियों की बरसात करें हम।

मंदिर मस्जिद मुरुद्वारे जा,
दीनों में ख़ैरात करें हम।

शीतल पानी मीठे फल से,
दुखियों की ख़िदमात करें हम।