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है बड़ा दिलकश नजारा फाग का / मृदुला झा

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है बड़ा दिलकश नजारा फाग का,
गा रहे हैं गीत प्यारा फाग का।

खिल उठीं कलियाँ भी देखो बाग की,
कर गया मदहोश नारा फाग का।

लहलहाते पौधे भी गाने लगे,
मिल गया सबको सहारा फाग का।

और जीना भी सरल होता अगर,
खुल गया होता पिटारा फाग का।

शीत, गर्मी और वर्षा झेलकर,
आ गया मौसम दुबारा फाग का।

जी सके खुशहाल जीवन सब यहाँ,
मिल गया सबाके इशारा फाग का।