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पहचानऽ ई खून के कीमत / जयराम दरवेशपुरी
Kavita Kosh से
आजादी के दिवस आज हइ
मौसम बड़ी सुहाना
भारत मइया के अँचरा में
अमर शहीद के हइ गाना
हँस-हँस चूम लेलक फाँसी के
सक न´ सकलइ गुलामी
आवे वाला युग के खातिर
धोवइत गेलइ बदनामी
जनतंत्री माला मइया के
पेन्हा देलन मस्ताना
दुश्मन के अँखिया अँगुरी दे
हम्हड़ शेर सन डाँट रहल हे
शांति के संदेश जगत में
अखनउ देखऽ बाँट रहल हे
लुटा रहल हे ज्ञान क अमरित
जग ले अमर खजाना
पहिचानऽ खून के कीमत
सब के स्वर्ग सिखा गेलन
जोगऽ अप्पन आजादी के
रस्ता झक्क देखा गेलन
देश के गौरव-गरिमा खातिर
देलन तिरंगा निशाना।