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प्यार / ज़िन्दगी को मैंने थामा बहुत / पद्मजा शर्मा
Kavita Kosh से
आपको हँसते देख कर हँसता है रोते हैं तो रोता है
हर आँसू पर आपको हँसाने की कोशिश करता है
यह वह आदमी है
जो आप पर मरता है
आपको प्यार करता है
ज़रूरत के समय जितना बन पड़ता है
उससे ज्य़ादा करता है
'थोड़ा और’ की कोशिश में रहता है
थोड़े और के बाद भी 'थोड़ा और’ करता है
यह वह आदमी है जो खुद को भुलाकर
सिर्फ आप को अपने ज़हन में रखता है
और आपको प्यार करता है
आप दूर करते हैं जितना
वह उतना ही पास आने की कोशिश करता है
उसी मन के साथ होता है जिस मन से पहली बार मिला था वह
मानें न मानें आपके मन का कोई तार ज़रूर हिला होगा
यह वह पहला आदमी है
जिसने कहा नहीं था कि आपको प्यार करता है
पर वह आज भी आपको प्यार करता है