भीड़ के भवसागर में

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| रचनाकार | विनय दुबे |
|---|---|
| प्रकाशक | राधाकृष्ण प्रकाशन,7/31. अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 |
| वर्ष | 2009 |
| भाषा | हिन्दी |
| विषय | कविताएँ |
| विधा | |
| पृष्ठ | 80 |
| ISBN | |
| विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- दिल्ली होने से तो अच्छा है / विनय दुबे
- ग्यारह जुलाई छह की शाम / विनय दुबे
- एक स्त्री जो / विनय दुबे
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