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महिमा चमके बिजली दमके, मदन के भसम रमाय / भवप्रीतानन्द ओझा

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शिव-वन्दना
खेमटा

महिमा चमके बिजली दमके, मदन के भसम रमाय
हाय राम, मदन...
चन्दन कटावे धुनियाँ जगावे
बम-बम गाल बजाय
अजगुत तपसिया
कैलाश परवते धुनियाँ रे जगाय
सिर पेॅ पनियाँ, कपरा अगिनियाँ, चन्दा अमृत बरसाय
हाय राम चन्दा...
देखैतें योगी उमा प्रेम भोगी, लीला बुझलो ने जाय
अजगुत...
रही-रही नाचे गौरी संग लगाय
पेॅ के हाटे अमृत बाँटे, आपने माहुर खाय
पाँच भूत संगे खेलैय रंगे, घट-घट बीचि छाय
अजगुत...
डीमी-डीमी-डीमी डमरू रे बजाय
अजगुत...
बेरा चलतीया, जों ई मुरतीया भवप्रीता ध्यानें पाय
हाय राम, भवप्रीता...
बजाये डंका जीती यम शंका, भौ सागर टपी जाय
अजगुत तपसिया अनाहत ध्वनि डमरू रे बजाय
अजगुत...।