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मैं नहीं प्यार का मेयार गिराने वाला / मेहर गेरा
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मैं नहीं प्यार का मेयार गिराने वाला
मैं तो होंटो पे शिकायत नहीं लाने वाला
किसने फिर दे दिया मुझको मिरे होने का सबूत
कौन था भीड़ में वो मुझको बुलाने वाला
उसकी हर बात को सब देते हैं सच्चाई का नाम
है कोई उसको भी आईना दिखाने वाला
मौज-ए-आब तो अब हद्दे-नज़र में भी नहीं
उसको आवाज़ न दे, वो नहीं आने वाला।