भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं नहीं प्यार का मेयार गिराने वाला / मेहर गेरा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
मैं नहीं प्यार का मेयार गिराने वाला
मैं तो होंटो पे शिकायत नहीं लाने वाला

किसने फिर दे दिया मुझको मिरे होने का सबूत
कौन था भीड़ में वो मुझको बुलाने वाला

उसकी हर बात को सब देते हैं सच्चाई का नाम
है कोई उसको भी आईना दिखाने वाला

मौज-ए-आब तो अब हद्दे-नज़र में भी नहीं
उसको आवाज़ न दे, वो नहीं आने वाला।