मैं सच्चाई जानती हूँ / मरीना स्विताएवा / अनिल जनविजय
मुझे भला लगता है, आप मुझपर दीवाने नहीं हुए
भली बात तो यह है कि मैं आपकी दीवानी नहीं ।
कि नहीं सरकेगी, न खिसकेगी पैरों के नीचे से
अपनी कीली पर घूम रही, पृथ्वी महायानी कभी ।।
अच्छा यह है, हम विनोद कर सकते हैं आपस में —
शब्दों का खेल नही, पर — दिखा सकते हैं बेहयाई ।
थोड़ा-बहुत छू सकती हैं एक-दूजे को हमारी बाहें
पर दुष्ट निर्लज्जता की हम कर सकते नहीं ढिठाई ।।
मुझे भला लगता है यह भी कि आप मेरे ही सामने
अपनी बाहों में भर लेते हैं जब-तब किसी और को
कहते नहीं मुझसे ये कि तुम जलो नर्क की आग में
चूँकि मैं नहीं चूमती आपको, अपने चित्त-चोर को
1915
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Marina Tsetaeva
I know the Truth
I know the truth—put all the other truth falling!
People don't have to struggle anywhere on earth.
Look- evening came, look, night came:
Poets, lovers, soldiers - what are you talking about?
The wind has fallen, the land is drenched in dew.
The tangle of stars in the sky will rest in peace.
And soon we will all become sleepless under the ground, -us
Those who never allow each other to burn peacefully on the earth.
Translation from Russian : Nandita Muni
लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Марина Цветаева
Я знаю правду!
Я знаю правду! Все прежние правды – прочь!
Не надо людям с людьми на земле бороться.
Смотрите: вечер, смотрите: уж скоро ночь.
О чем – поэты, любовники, полководцы?
Уж ветер стелется, уже земля в росе,
Уж скоро звездная в небе застынет вьюга,
И под землею скоро уснем мы все,
Кто на земле не давали уснуть друг другу.
1915