Last modified on 29 अप्रैल 2012, at 15:01

मौसम / देवेन्द्र आर्य

बूँद जपने लग गया मौसम ,
फिर टपकने लग गया मौसम ।

सर पे पल्लू की तरह आया ,
और सरकने लग गया मौसम ।

चिड़चिड़ी हो आई है धरती ,
जल्द थकने लग गया मौसम ।

फ्रीज में रखने से क्या होगा ,
जब महकने लग गया मौसम ।

माँ के बद्रीनाथ जाते ही,
घर में पकने लग गया मौसम ।

भून लो मन अपना भुट्टे-सा,
लो ,दहकने लग गया मौसम ।

आबरू की छोड़ के चिंता ,
पेट ढँकने लग गया मौसम ।