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देवेन्द्र आर्य
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देवेन्द्र आर्य
जन्म | 18 जून 1957 |
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जन्म स्थान | गोरखपुर, उत्तरप्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
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विविध | |
जीवन परिचय | |
देवेन्द्र आर्य / परिचय |
कविता संग्रह
ग़ज़ल संग्रह
- क़िताब के बाहर / देवेन्द्र आर्य
- ख़्वाब ख़्वाब ख़ामोशी / देवेन्द्र आर्य
- आग बीनती औरतें / देवेन्द्र आर्य
- उमस / देवेन्द्र आर्य
गीत संग्रह
- धूप सिर चढ़ने लगी / देवेन्द्र आर्य
- सुबह भीगी रेत पर / देवेन्द्र आर्य
- ख़िलाफ़ ज़ुल्म के / देवेन्द्र आर्य
प्रतिनिधि गीत
- कवि नहीं कविता बड़ी हो / देवेन्द्र आर्य
- दो रुपये का आज / देवेन्द्र आर्य
- गर्भवती का गीत / देवेन्द्र आर्य
- शून्य हूँ मैं / देवेन्द्र आर्य
- नदिया का पेट काट के / देवेन्द्र आर्य
- सच की तरह / देवेन्द्र आर्य
- रोटी का संविधान / देवेन्द्र आर्य
- सोना और प्लास्टिक / देवेन्द्र आर्य
- यह भी हो सकता है / देवेन्द्र आर्य
- मन सूखे पौधे लगते हैं / देवेन्द्र आर्य
- मेरी भी आँख में गड़ता है भाई / देवेन्द्र आर्य
- बात अब तो खत्म करिए / देवेन्द्र आर्य
- आयो घोष बड़ो व्यापारी / देवेन्द्र आर्य
- आशय बदल गया / देवेन्द्र आर्य
- किसी को सर चढ़ाया जा रहा है / देवेन्द्र आर्य
- जीवन क्या है, काँच का घर है / देवेन्द्र आर्य
- मौत भी जिंदगी सी हो जाए / देवेन्द्र आर्य
- इतना ज्ञान नहीं / देवेन्द्र आर्य
- अब कुछ उस पार की भी सोचो / देवेन्द्र आर्य
- पास पास थे चुभे, गड़े / देवेन्द्र आर्य
- किससे बात करें / देवेन्द्र आर्य
- तुम्हारे बिन / देवेन्द्र आर्य
- पहचान / देवेन्द्र आर्य
- लोकार्पण / देवेन्द्र आर्य
- प्रेम / देवेन्द्र आर्य
- प्रकृति / देवेन्द्र आर्य
- मेघ सलोने / देवेन्द्र आर्य
- बादल गरजे / देवेन्द्र आर्य
- मलयानिल नाचा करती है / देवेन्द्र आर्य
- धूपवाले दिन / देवेन्द्र आर्य
- देखा जाएगा / देवेन्द्र आर्य
- गठरी में चोर / देवेन्द्र आर्य
- लोन मेला / देवेन्द्र आर्य
- राम कहानी / देवेन्द्र आर्य
- तीस्ता सीतलवाड के लिए / देवेन्द्र आर्य
- जीवन-लय / देवेन्द्र आर्य
ग़ज़लें
- मेरे दिमाग़ का एक डर मेरी तलाश में है / देवेन्द्र आर्य
- मैं भी अपनी गठरी खोलूँ तू भी अपनी गाठें खोले / देवेन्द्र आर्य
- दिये की लौ से हवा को पछाड़ देता है / देवेन्द्र आर्य
- जीवन क्या है, कांच का घर है / देवेन्द्र आर्य
- मेरी यादों में ढल रही थी धूप / देवेन्द्र आर्य
- बुजुर्गी बचपना काला न कर दे / देवेन्द्र आर्य
- तेरे भीतर पैदा हो यह गुन / देवेन्द्र आर्य
- हो कोई शहर गर तो मेरे गोरखपुर जैसा हो / देवेन्द्र आर्य
- जिसको प्यार संजोना आए / देवेन्द्र आर्य
- शब्द चाँदनी जैसे झर गए, मन महुए-सा फूल गया / देवेन्द्र आर्य
- हमने आज ख़रीदा कल के बदले में / देवेन्द्र आर्य