भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
युवजन लिखो / निकानोर पार्रा / राजेश चन्द्र
Kavita Kosh से
युवजन !
लिखो –
जैसाकि तुम लिखना चाहते हो
उसी शैली में लिखो जो बेहतर लगती हो
रक्त बह चुका है बहुत सारा पुल के नीचे से
कोशिश करो यक़ीन करने की –
जैसे मैं यक़ीन करता हूँ
कि रास्ता केवल एक ही है
कविता में
सब कुछ कहा जा सकता है ।
बेशक
इसी शर्त के साथ
तुम सार्थक कर सकते हो
ख़ाली पन्ने को ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र