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यह हरामज़ादा शहर देख तूं / सांवर दइया

22 जुलाई 2010

  • Neeraj Daiya

    नया पृष्ठ: <poem>यह हरामज़ादा शहर देख तूं। हवाओं में भरा ज़हर देख तूं। भूल जा यह…

    17:37

    +679

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