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Kavita Kosh से
एक मात्र निर्देशक नियंत्रक बन
करता है अंतर्द्वंद का निराकरण ..
और मित्र तब समझ पता पाता हूँ
तुम तुम नहीं मेरा प्रतिबिम्ब हो..
"सत्य" ही है की