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कोई पत्थर तो नहीं हूँ कि ख़ुदा हो जाऊँ / श्रद्धा जैन
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04:58, 4 फ़रवरी 2011
फ़ैसले सारे उसी के हैं, मिरे बाबत<ref>बारे में</ref> भी
मैं तो औरत हूँ कि राज़ी-
ओ
व
-रज़ा हो जाऊँ
धूप में साया, सफ़र में हूँ क़बा<ref>लिबास</ref> फूलों की
Shrddha
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