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तेरे बाद मौसम सुहाने नहीँ हैँनहीं हैंफिज़ाओँ मेँ फिज़ाओं में अब वो तराने नहीँ हैँ ।नहीं हैं
बढ़ाया था आगे हमेँ दोस्तोँ हमें दोस्तों नेकि आशिक़ तो हम भी पुराने नहीँ हैँ ।नहीं हैं किसी काम के अब नहीं रह गए येमगर ख़त तुम्हारे जलाने नहीं हैं
ये बिकती है ये बात सबको पता है
मोहब्बत की लेकिन दुकानेँ नहीँ हैँ ।दुकानें नहीं हैं
आओ मोहब्बत मेँ में वादे करेँ करें हममगर याद रखना निभाने नहीँ नहीं हैँ ।
ये माना कि सब ज़ख़्म अपनोँ से पाएकिसी काम की फिर नहीं उनकी सूरतमगर दुश्मनोँ को दिखाने नहीँ हैँ ।मेरे साथ उनके फसाने नहीं हैं
पतंगे तो अब भी उड़ाएँगे लेकिन
हमेँ हमे अब कबूतर उड़ाने नहीँ हैँ ।नहीं हैं ये माना कि सब ज़ख़्म अपनो से पाएमगर दुश्मनों को दिखाने नहीं हैं तभी दोस्ती अब मैँ करता नहीं हूँमुझे और दुश्मन बनाने नहीं हैं
तभी दोस्ती अब मैँ करता नहीँ हूँख़ुदा सबको देता नहीं है मोहब्बतमुझे और दुश्मन बनाने नहीँ हैँ ।ये पल भूलकर भी भुलाने नहीं हैं
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