Changes

रस की फ़ुहार है<br>
तन-मन झूम जाता है<br>
गीत बन जाता है|<br><br>
प्रेम जिजीविषा का विकास है<br>
जीवन का प्रकाश है<br>
रागात्मकता का विलास है<br>
मन-मयूर नाच उठता है<br>
गीत बन निखरता है|<br><br>
प्रेम मन का विश्वास है<br>
जीवन की मिठास है<br>
मीठी मनुहार है<br>
रोम-रोम लहलहाता है<br>
गीत बन जाता है|<br><br
शूल कहीं चुभता है<br>
मर्म चीख उठता है<br>
दर्द और भी बढ जाता है<br>
अन्तस गुनगुनाता है<br>
गीत बुन जाता है|<br><br>
बसन्त रितु का प्रसार<br>
नवयौवना का विरह श्रुंगार<br>
विरहणी की अश्रुधार<br>
दर्द छलक जाता है<br>
गीत बन-संवर जाता है|<br><br>
Anonymous user