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शहर : एक बिम्ब / सांवर दइया

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संकड़े कमरों में
आदमियों के पास
बैठे सोए खड़े
आदमी
आदमी आदमी
जैसे ठूंस-ठूंस कर भरी हो-
पुरानी और बेकार फाइलें-
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