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शकूनादे शकूनादे काजये,
 
आती नीका शकूना बोल्यां देईना ,
 
बाजन शंख शब्द ,
 
देणी तीर भरियो कलश,
 
यातिनिका, सोरंगीलो,
 
पाटल आन्च्ली कमले को फूल सोही फूल मोलावंत गणेश,
 
रामिचंद्र लछीमन जीवा जनम आद्या अमरो होय,
 
सोही पाटो पैरी रैना ,
 
सिद्धि बुद्धि सीता देही
 
बहुरानी आई वान्ती पुत्र वान्ती होय
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