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छोड़ दो थोड़ा-सा दूध थनों में / प्रणय प्रियंवद
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18:48, 27 मई 2011
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|रचनाकार=
योगेंद्र कृष्णा
प्रणय प्रियंवद
|संग्रह= }}
<poem>
मछलियों के लिए
थोड़ा-सा
कागज
काग़ज़
और रोशनाई थोड़ी-सी
पहली बार प्रेम करने वाली
लड़कियों के लिए।</poem>
योगेंद्र कृष्णा
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