भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
[[जंगल का गीत / {{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’'हिमांशु'}}[[Category:बाल-कविताएँ]] <br>
 {{ KKGlobal }}'''जंगल का गीत'''<br>  [[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>  [[बाल-कविताएँ]] <br>  [[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>  ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~  {{ KKGlobal }}<br>   ठुमक- ठुमककर भालू नाचे <br>
बन्दर बैठा पोथी बाँचे ।<br>
माथा पकड़-पकड़ कुछ रोए ।<br>
 
**
[[बन्दर अफ़लातून / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
 
 
{{ KKGlobal }}<br>
 
 
[[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
 
 
[[बाल-कविताएँ]] <br>
 
 
[[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
 
 
~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~
 
{{ KKGlobal }}<br>
'''बन्दर अफ़लातून'''<br>
पा गए <br>
बन गए अफ़लातून ।<br>
बोले-<br>
भले जितनी ठण्ड हो<br>
लगती मुझको बहुत भली ।<br>
**
[[नटखट बन्दर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
 
 
{{ KKGlobal }}<br>
 
 
[[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
 
 
[[बाल-कविताएँ]] <br>
 
 
[[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
 
 
~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~
 
{{ KKGlobal }}<br>
'''नटखट बन्दर'''<br>
ऊँची पढ़कर गया पढ़ाई <br>
जब धोखे से<br>
कालबेल थी तेज़ बजाई ।<br>
नटखट चौंका-<br>
आऊँगा फिर हफ़्ते भर में।’<br>
..........