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नहीं एक दिल की लगी छूटती है / गुलाब खंडेलवाल
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20:44, 6 जुलाई 2011
ये दुनिया भरी की भरी छूटती है
सबेरे
सवेरे
-
सबेरे
सवेरे
गए छोड़कर वे
नहीं मन से अब भैरवी छूटती है
Vibhajhalani
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