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किसीके प्यार में मरने को हम मरे तो सही / गुलाब खंडेलवाल
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20:20, 22 जुलाई 2011
नज़र से आपकी बिजली कभी गिरे तो सही
बहुत हुआ यही
अहसान
एहसान
, हमको भूले नहीं
वे बेरुख़ी से ही उठकर गले मिले तो सही
खड़ी है प्यार की दुनिया नज़र बिछाए हुए
गुलाब! आपके
होठों
होँठों
पे कुछ खिले तो सही!
<poem>
Vibhajhalani
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