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नज़र से आपकी बिजली कभी गिरे तो सही
बहुत हुआ यही अहसानएहसान, हमको भूले नहीं
वे बेरुख़ी से ही उठकर गले मिले तो सही
खड़ी है प्यार की दुनिया नज़र बिछाए हुए
गुलाब! आपके होठों होँठों पे कुछ खिले तो सही!
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