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चुप तो किसी भी बात पर रहते नहीं हैं हम / गुलाब खंडेलवाल
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20:06, 11 अगस्त 2011
तेवर, ऐ ज़िन्दगी तेरे सहते नहीं हैं हम
लोगों ने बात
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बात में हमको दिया उछाल
शायर तो अपने आप को कहते नहीं हैं हम
Vibhajhalani
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