Changes

साया / निशांत मिश्रा

861 bytes added, 16:12, 26 अगस्त 2011
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशांत मिश्रा }} {{KKCatKavita}} <poem> भरोसा था जिन पर, मुसीबत…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशांत मिश्रा
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
भरोसा था जिन पर,
मुसीबत में साथ छोड़ा,
एक अपना साया ही था,
जो तब भी साथ था,
सब अपने धकेल रहे थे मुझे,
अंधेरों की ओर,
एक अपना साया ही,
दिखा रहा था उजाला मुझे,
अंधेरों से,
न मेरा वजूद नज़र आता, न साये का,
यही तो वजह थी,
मुझे उजाला दिखाने की,
रहता गर उजालों में मेरा वजूद,
मेरा साया भी तभी, साथ नज़र आता... </poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits