नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= शिशुपाल सिंह 'निर्धन' }} {{KKCatGeet}} <poem> एक पुराने दुख न…
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{{KKRachna
|रचनाकार= शिशुपाल सिंह 'निर्धन'
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एक पुराने दुख ने पूछा
क्या तुम अभी वहीं रहते हो ?
उत्तर दिया, चले मत आना
मैंने वह घर बदल दिया है ।
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