Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनु भारद्वाज |संग्रह= }} {{KKCatGhazal‎}} <Poem> वक्ते-रुखसत को…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनु भारद्वाज
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal‎}}
<Poem>
वक्ते-रुखसत कोई भी आया न था
इस जहाँ में क्या कोई अपना न था

आपकी यादें तो मेरे साथ थीं
मै तो तन्हा रहके भी तन्हा न था

आदतन ही बस मेरा सर झुक गया
दरहकीक़त ये कोई सजदा न था

आपके आने से खुशबु छा गई
वर्ना मेरा घर कभी महका न था

उम्र भर दुनिया के काम आता रहा
मैंने अपने वास्ते सोचा न था

ऐ 'मनु' वो जाते-जाते कह गए
जान लो अपना कोई रिश्ता न था
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits