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अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस / 'अना' क़ासमी
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14:35, 5 सितम्बर 2011
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अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस
लब खोले और उसने कहा बस
इस सहरा में इतना कर दे
मीठा चश्मा,पेड़,हवा बस
</poem>
Shrddha
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