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13:54, 7 अक्टूबर 2011 निदा फाजली साहब के दोहे
मैं रोया परदेस में भीगा मान का प्यार !
दुःख ने दुःख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार !!
छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार !
आँखों भर आकाश है बाँहों भर संसार !!
सबकी पूजा एक सी अलग हर रीत !
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गए गीत !!