Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}<poem>गालां माथै धर हाथ सोच भायला
सुख-दड़ी लेयग्यो कुण बोच भायला

आ पून पम्पोळती अर हिलता सिट्टा
कठै गयी बा लचक बो लोच भायला

माथै आ पड़ी है झेल्यां ई सरसी
क्यूं होवै इतरो होच-पोच भायला

सागै बहीर हुवणिया आ कह खिसक्या
म्हांरै पग में आयगी मोच भायला

तूं है, तावड़ो है, धोरा है, देख लै
हां, टुर परो, अब क्यां रो सोच भायला
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits