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09:46, 21 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>कूद्यां कांई व्है
आभै छींकै लटकै
सिक्योड़ी रोटी
०००
सुपनो देख्यो
हुवै छोटो-सो घर
बुलडोजर
०००
आभो बरसै
आखो जग हरखै
म्हे ऊंधा घड़ा
०००
अठै मिनख
जाणै जूनी फाइलां
पड़ी बोरां में
०००
कित्तीक तोड़ां
आपणै बिच्चै रोज
बै चिणै भींतां
०००
</poem>