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14:25, 21 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>निरांतै पोढ्या
हींगळू ढोलियां बै
बळती भूल
०००
ओ म्हारा मन
तूं चाल परबारो
कुण है थारो
०००
-बांग नीं देवूं
वाद-चढ्यो कूकड़ो
सूरज ऊग्यौ
०००
गीर बो कहां
चांद पूग्यो मिनख
अठै कळह
०००
मजै री बात
आम खातर झुरै
आम आदमी
०००
</poem>