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ख़बर / विमलेश त्रिपाठी

26 bytes added, 05:32, 11 नवम्बर 2011
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एक सुस्त-सी रात में
सन्नाटा घर की बूढ़ी चारदिवारी चारदीवारी के भीतरजोरज़ोर-जोर ज़ोर से खाँस रहा था बाहर दु(िया दुनिया में दानों की नमी
पाले की मार से काली हो रही थी
 
दूसरे दिन सुबह
नहीं हुई सुबह की तरह
सूरज की तरह नहीं उगा सूरज
 यह खबर ख़बर घर की चारदिवारी चारदीवारी से खेतऔर खेत से पूरे इलाके में पैफल गयीफैल गई 
सभी लोग अचम्भे में थे
कि इतनी बड़ी खबर ख़बर की तस्वीरगाँव की इकलौती टी.वी. के इकलौते टी०वी० परकिसी को भी नजर नज़र नहीं आयीआई
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