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11:31, 28 अगस्त 2012 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मतिराम
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आनन पूरनचंद लसै अरबिंद –बिलास- बिलोचन पेखे .
अंबर पीत लसै चपला छबि अम्बुद मेचक अंग उरेखे .
कामहूँ ते अभिराम महा ‘मतिराम’ हिये निहचै करि लेखे .
तैं बरनै निज नैनन सों, सखी मैं निज नैनन सौं जनु देखे .