गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ज़िन्दगी मुझको कहाँ आज लिये जाती है / गुलाब खंडेलवाल
1 byte added
,
19:31, 19 अप्रैल 2013
लाख खिलते हों गुलाब आपकी आँखों में, मगर
अब निगाहों में वो ख़ुशबू नहीं मिल पाती है
<poem
>
Vibhajhalani
2,913
edits