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शिशु / मनबोध

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जतय अछल दुइ बिर्छ अकाय।।
जमला अर्जुन कनला-नाथ।
जुगुति उपारल छुइल न हाथ।ंहाथ।
खसल महातरू हँसल मुरारि।
भेल अघात जगत परचारि।।
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