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{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
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{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=भोजपुरी
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<poem>
'''१.'''
हमरा शीतलऽ मइया बड़ दुलरी,
मइया बड़ दुलरी मइया डोला चढ़ि आवेली हमार नगरी।
जाउ हम जनतीं अइहें हमार नगरी (जाउ=यदि)
मइया डगर बहरतीं दहिनवें अंचरी।
'''३.'''<br>मइया के दुआरे हरियर पीपर<br>लाल धजा फहराई ए माया<br>मोहिनी भवानी जगतारन माया<br>अंचरा पसार भीख मांगेली बहुआरो देई<br>हमके सेनुरा भीख देई ए माया, मोहिनी भवानी<br>पटुका पसार भीख मांगेले कवन राम<br>हमके पुतवा भीख देई ए माया, मोहिनी भवानी...<br><br>
'''४.'''<br>कहाँ रहनी ए मइया कहाँ रहनी<br>मइया पकवल रोटिया सेराई गइले, रउरा चरन में,<br>उहें रहनी उहें असी कोस के पयेंतवा<br>चलतऽ बटिया बिलम लगले<br>कहाँ रहनी ए मइया...<br><br/poem>