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|रचनाकार=अज्ञात
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{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=भोजपुरी
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<poem>
'''१.'''
बोली-बोलऽ, चोली खोलऽ,
चोली के भीतर, लाल कबूतर,
खाए के मांगे, सबुज दाना,
धर-धर लेइयें पर, पांजर मोटा,
खइबऽ सोटा, धर धरेसी,
ध के पेसी, पेसन वाला,
है मतवाला, ढिलवा भैया,
करे ढिलाई, ओकर मउगी, करे सगाई।