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{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रताप सहगल
}}
{{KKCatKavita‎}}KKPustak<poem>|चित्र='''अपने नाती |नाम=मुक्ति-द्वार के लिए'''सामने |रचनाकार=[[प्रताप सहगल]]जब मेघ आता है घर में |प्रकाशक=घर में लाखों तारों और चंद्रमाओं की|वर्ष=उजास आ जाती है |भाषा=जब मेघ आता है घर में |विषय=घर की दीवारों के पोर-पोर से |शैली=संगीत झरने लगता है |पृष्ठ=जब मेघ आता है घर |ISBN=|विविध=}}* [[क्रम / प्रताप सहगल]]* [[मुक्ति-द्वार के सामने (कविता) / प्रताप सहगल]]* [[पशोपेश में / प्रताप सहगल]]छतों * [[हदों से भूर गिरने लगती बाहर भी होता है शब्द / प्रताप सहगल]]रजनीगंधा महक उठती है उसी वक़्त * [[एक कहानी / प्रताप सहगल]]मुस्कराने लगता है हरसिंगार * [[कायाकल्प / प्रताप सहगल]] जब मेघ आता * [[शक्ति कहाँ है घर में / प्रताप सहगल]]घोडों की टापों * [[बाज़ार से भर जाता है घर हम बच नहीं सकते / प्रताप सहगल]]क्रिकेट * [[एक बच्चे की पिच बन जाता है मौत / प्रताप सहगल]]घर का दालान * [[विरोधी ध्रुवों के बीच / प्रताप सहगल]] और फुटबाल का मैदान हो जाती है * [[मायाजाल / प्रताप सहगल]]घर * [[समय में चिड़िया / प्रताप सहगल]]* [[रचने की छत शर्त / प्रताप सहगल]] * [[मेरा होना बना रहेगा / प्रताप सहगल]]जब मेघ आता है घर * [[पिता की याद में / प्रताप सहगल]]अतियों के झूले * [[रक्तचाप / प्रताप सहगल]]स्थिर हो जाते हैं * [[कशमकश / प्रताप सहगल]]एक संतुलन बना कर * [[अर्थहीन नहीं है सब / प्रताप सहगल]]और * [[दुरमुट / प्रताप सहगल]]* [[अहम् की गाँठें अस्मि / प्रताप सहगल]]टूट* [[यक्ष-टूट जाती हैं प्रश्न / प्रताप सहगल]]कितने-कितने आकाशों की सलवटें * [[घुड़दौड़ / प्रताप सहगल]]ब्रह्मांडों के तनाव * [[इस रिश्ते को क्या नाम दूँ / प्रताप सहगल]]टूटने लगते हैं मेघ के पाँवों के अंगूठों की नोंक पर * [[मेरी भूमिका / प्रताप सहगल]] * [[चलो / प्रताप सहगल]]जब मेघ आता * [[रिश्ता एक पेड़ है घर में / प्रताप सहगल]]तब मैं सचमुच मैं नहीं होता * [[स्त्री-पुरुष / प्रताप सहगल]]पता * [[मालूम नहीं चलता / प्रताप सहगल]]* [[एक ज़िदा अहसास / प्रताप सहगल]]* [[कबूतर और मैं गुज़र जाता हूँ (1) / प्रताप सहगल]]युगों * [[कबूतर और कल्पों के अनुभवों के बीच मैं (2) / प्रताप सहगल]]तब सारा संसार* [[कबूतर और मैं (3) / प्रताप सहगल]]मेघमय हो जाता है* [[कबूतर और मैं (4) / प्रताप सहगल]]हम होतें * [[बच्चे बड़े हो रहे हैं मेघ की बाल-यात्रा के / प्रताप सहगल]]भोक्ता * [[बच्चो ने चहचहाना सीख लिया है / प्रताप सहगल]]सचमुच हमें पता नहीं चलता * [[घर / प्रताप सहगल]]कि हम एक मुक्ति-द्वार के सामने हैं <* [[तोता और आज़ादी /poem>प्रताप सहगल]]