भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मुक्ति-द्वार के सामने / प्रताप सहगल
Kavita Kosh से
मुक्ति-द्वार के सामने
रचनाकार | प्रताप सहगल |
---|---|
प्रकाशक | अमरसत्य प्रकाशन (किताबघर प्रकाशन का उपक्रम), प्रीत विहार, नई दिल्ली |
वर्ष | 2012 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 84 |
ISBN | 978-81-88466-97-9 |
विविध | कवि का सातवाँ कविता संग्रह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मुक्ति-द्वार के सामने (कविता) / प्रताप सहगल
- पसोपेश में / प्रताप सहगल
- हदों से बाहर भी होता है शब्द / प्रताप सहगल
- कुछ समझा आपने? / प्रताप सहगल
- एक कहानी / प्रताप सहगल
- कायाकल्प / प्रताप सहगल
- शक्ति कहाँ है? / प्रताप सहगल
- बाज़ार से हम बच नहीं सकते / प्रताप सहगल
- एक बच्चे की मौत / प्रताप सहगल
- विरोधी ध्रुवों के बीच / प्रताप सहगल
- मायाजाल / प्रताप सहगल
- समय में चिड़िया / प्रताप सहगल
- रचने की शर्त / प्रताप सहगल
- मेरा होना बना रहेगा / प्रताप सहगल
- पिता की याद में / प्रताप सहगल
- रक्तचाप / प्रताप सहगल
- कशमकश / प्रताप सहगल
- अर्थहीन नहीं है सब / प्रताप सहगल
- दुरमुट / प्रताप सहगल
- उत्तर-कथा (1) / प्रताप सहगल
- उत्तर-कथा (2) / प्रताप सहगल
- अहम् अस्मि / प्रताप सहगल
- यक्ष-प्रश्न / प्रताप सहगल
- घुड़दौड़ / प्रताप सहगल
- इस रिश्ते को क्या नाम दूँ / प्रताप सहगल
- मेरी भूमिका / प्रताप सहगल
- चलो / प्रताप सहगल
- रिश्ता एक पेड़ है / प्रताप सहगल
- स्त्री-पुरुष / प्रताप सहगल
- मालूम नहीं / प्रताप सहगल
- एक ज़िंदा अहसास / प्रताप सहगल
- कबूतर और मैं (1) / प्रताप सहगल
- कबूतर और मैं (2) / प्रताप सहगल
- कबूतर और मैं (3) / प्रताप सहगल
- कबूतर और मैं (4) / प्रताप सहगल
- बच्चे बड़े हो रहे हैं / प्रताप सहगल
- बच्चों ने चहचहाना सीख लिया है / प्रताप सहगल
- घर / प्रताप सहगल
- तोता और आज़ादी / प्रताप सहगल