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{{KKRachna
|रचनाकार=राजूराम बिजारणियां
|संग्रह=चाल भतूळिया रेत रमां / राजूराम बिजारणियां
}}
डोभा फाडता
दांत तिडकांवता
खुद रै
नीं मिलणै री
पीड नै पाळ्यां !</poem>