भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=लीलटांस / कन्हैया लाल सेठिया
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
पड़ी हाथी पर
कीड़ी री नजर
देख'र हालतों चालतो डूंगर
बडगी बिल में डर'र
पड़ी कीड़ी पर
हाथी री निजर
देख'र जुल्घती परखत परतख मोत
करली सूंड ऊपर !
</Poem>